gangubai kathiawadi real story | गंगुबाई काठियावाड़ी की रियल स्टोरी

दोस्तों आज हम एक एसी शख्सियत की के बारे में पढ़ने जा रहे है या बात करने जा रहे है जिसने एक ऐसे क्षेत्र में अपना नाम कमाया है जिसके बारे में किसी के लिए सोचना भी बहुत मुस्किल है| हम इस लेख में गंगा हरजीवनदास उर्फ गंगुबाई काठियावाड़ी (gangubai kathiawadi real story) के बारे में पढ़ने जा रहे है जिसे माफिया ऑफ़ क्वीन मंबई के नाम से भी जाना जाता है| जिसने वैश्याव्रती की महिलाओं और अनाथ बच्चों की मदद की| गंगुबाई की रियल लाइफ स्टोरी सुनने के बाद ऐसा लगता है की जिंदगी में खत्म होने जैसा कुछ भी नहीं होता है|

Table of Contents

gangubai kathiawadi real story – biography, death reason, son,

नामगंगा हरजीवनदास
उपनामगंगू, गंगुबाई, गंगूबाई काठियावाड़ी
पेशाकोठा चलाना, माफिया क्वीन के रूप में
जन्म1939
मृत्यु2008
जन्मस्थानकाठियावाड़, गुजरात
प्रसिद्धीवैश्या महिलाओं और अनाथ बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए आंदोलन
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पति का नामरमणीक लाल
शैक्षिक योग्यता12 वीं पास
आँखों और बालों का कलरकाला

gangubai kathiawadi real story – गंगुबाई काठियावाड़ी का जीवन परिचय | गंगुबाई काठियावाड़ी कौन थी (gangubai kathiawadi real story)

गंगुबाई का जन्म 1939 को गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में हुआ था| इनका असली नाम गंगा हरजीवनदास है| गंगुबाई एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती थी| गंगुबाई की जिंदगी की परिस्तिथियों ने इनके साथ कुछ ऐसा खेल खेला जिसके कारण इन्हें एक कोठेवाली, माफिया डॉन बनने पर मजबूर कर दिया| इस लेख में हम यह जानेंगे की गंगा कैसे एक प्रतिष्ठित परिवार से होकर भी कमाठीपुरा की माफीया डॉन बन गयी| गंगुबाई के इतिहास ( Gangubai Kathiawadi Real Story) को हम कुछ इस प्रकार जानेंगे|

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गंगुबाई काठियावाड़ी की शादी (Ganguubai Kathiawadi Merrige)

गंगुबाई का बचपन से ही सपना था की वह एक अभिनेत्री (Actress) बने| गंगुबाई के पिताजी एक दुकानदार थे और इनकी दुकान पर रमणीक लाल नाम का एक अकाउंटेंट काम करता था| रमणीक लाल पहले मुंबई में काम करता था, गंगा को जब यए पता चला तो गंगा यह सोचा की रमणीक लाल ही उसको हिरोईन बनाने में मदद करेगा| धीरे – धीरे गंगा और रमणीक को एक दुसरे से प्यार हो गया उस समय गंगा 16 साल की थी और कॉलेज में पढ़ रही थी| गंगा ने अपने घर वालों को शादी के लिए कहा तो परिवार ने गंगा को साफ इंकार कर दिया| उसके बाद 16 वर्षीय गंगा और 28 वर्षीय रमणीक ने मंदिर में जाकर शादी कर ली और मुंबई चले गये|

गंगूबाई का शादी के बाद का जीवन

शादी के बाद गंगा और रमणीक दोनों मुंबई में रहने लगे| जब रमणीक के पास खाने तक के पैसे नहीं थे तो रमणीक ने गंगा को मुंबई के किसी प्रसिद्ध रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में एक कोठे पर 500 रूपये के लिए बेच दिया और गंगा को कहा की तुम यहाँ मेरी मौसी के पास कुछ दिन रहो तब तक में कोई काम देख कर आता हु| उसके बाद रमणीक लाल गंगा को उस दलदल में धखेल कर चला गया और वापस कभी भी नहीं आया|

उस समय के बाद गंगा की जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी थी| जिंदगी की परिस्तिथियों ने गंगा की हालत कुछ इस प्रकार की थी कि गंगा अपनी आगे की जिंदगी को एक वैश्या बनकर काटने पर मजबूर हो गयी|

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गंगा के साथ हुआ एक दर्दनाक हादसा

रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में एक शौकत खान नाम का एक गुंडा रहता था जिसने गंगा के साथ बहुत ही गलत तरीके से पूरी रात शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण किया और बिना पैसे दिये ही चला गया| उसके बाद गंगा को हॉस्पिटल ले जाया जाता है और गंगा का इलाज करवाया जाता है| गंगा ने स्वस्थ होने के बाद उस वहशी दरिंदे के बारे में पता लगाया तो पता चला की वह मशहुर माफिया डॉन करीम लाला की गेंग में काम करता है|

उस समय 1960 के दशक में करीम लाला नाम का एक अंडरवर्ल्ड डॉन के रूप में चलता था| जिसका कमाठीपुरा में शासन चलता था| गंगा ने जब करीम लाला के बारे में जाना तो वह उनके पास न्याय मांगने के लिए चली गयी| करीम लाला ने गंगा को आश्वासन दिया और कहा की अगली बार आये तो मुझे बता देना| दूसरी बार जब शौकत खान गंगा के पास आया तो करीम लाला ने उस दरिन्दे को बहुत मारा|

गंगा से गंगुबाई बनने तक का सफर

गंगा को जब करीम लाला ने उस गुंडे से बचाया तो गंगा ने माफिया डॉन करीम लाला को मुहं बोला भाई बना लिया और राखी बांध दी| उस दिन के बाद गंगा को लोग गंगुबाई काठियावाड़ी के नाम से जानने लगे थे| अब से कमाठीपुरा में जितनी हुकूमत करीम लाला की थी उतनी गंगुबाई की भी थी| गंगुबाई माफीया क्वीन ऑफ कमाठीपुरा के नाम से प्रसिद्ध हो गयी थी|

गंगुबाई 1960 के दशक की पहली महिला डॉन थी| गंगुबाई ने वैश्याओं और अनाथ बच्चों के लिए कई सकारात्मक कार्य किये| इन्होंने महिलाओं और युवा लड़कियों का कभी भी शोषण नहीं किया और न ही बिना किसी की मर्जी के उसको जबरदस्ती वैश्यालय पर रखा|

कमाठीपुरा में वैश्यालय के पास सेंट एंथनीज गर्ल्स हाई स्कूल की स्थापना की गयी जिसके कारण वेश्यालय को वहां से हटाने का आदेश जरी किया| इसके लिए गंगुबाई ने वेश्यालय को न हटाने और देश में यौनकर्मियों की समस्याओं को देखते हुए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से इस विषय पर चर्चा करने के लिए तत्कालीन मीटिंग बिठाई| जिसके तहत पीएम जवाहरलाल नेहरू ने रेड लाइट एरिया में सुरक्षा के प्रस्ताव को मंजूरी दी और साथ ही कमाठीपुरा में वेश्यालय को स्थानांतरित करने के आदेश क खारिज किया गया|

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गंगूबाई काठियावाड़ी की मृत्यु (Ganguubai Kathiawadi Death)

गंगुबाई की मृत्यू 2008 में सामान्य तरीके से ही हुई थी| जिस दिन गंगुबाई की मृत्यु हुई थी उस दिन सारे वेश्यालयों में मातम छाया हुआ था| उनकी याद में एक बड़ी सी मूर्ति स्थापित की गयी थी| आज भी कमाठीपुरा के वैश्यालय की हर दीवार पर गंगुबाई की तस्वीर को चित्रित किया गया है|

गंगूबाई काठियावाड़ी फिल्म (Ganguubai Kathiawadi Film)

यह फिल्म गंगुबाई के सम्पूर्ण जीवन पर आधारित है| इस फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली है और इसे 25 फरवरी 2022 को रिलीज किया गया| हुसैन जैदी के द्वारा 2011 में लिखी गयी पुस्तक “मुंबई के माफिया क्वींस” में मुंबई की 13 माफिया डॉन के जीवन के बारे में जानकारी उपलब्ध है| इनमें गंगूबाई के जीवन की जानकारी भी उपलब्ध है| इस फिल्म में आलिया भट्ट ने गंगूबाई काठियावाड़ी का किरदार निभाया है, जिसमें आलिया को गंगुबाई की भाषा, गलियां आदि के बारे में सिखाया गया है| इसमें करीम लाला का रोल अजय देवगन ने निभाया है| गंगुबाई की बायोग्राफी पर बनी इस फिल्म को लोगों के द्वारा काफी पसंद किया गया| इस फिल्म ने 1 सप्ताह में 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है|

गंगूबाई काठियावाड़ी कास्ट (Ganguubai Kathiawadi cast)

इस फिल्म को आलिया भट्ट (गंगुबाई काठियावाड़ी), अजय देवगन (करीम लाला), शांतनु माहेश्व(अफसान), विजय राज (रजियाबाई), हुमा कुरैशी, वरुण कपूर (रमणीक लाल), सीमा पाहवा (सीला मौसी), जिम सर्भ (पत्रकार), इंदिरा तिवारी (कमली) ने कास्ट किया है|

गंगुबाई काठियावाड़ी विवाद (Ganguubai Kathiawadi Controversy)

एक फिल्म को बनाने से लेकर उसको रिलीज करने तक के सफर में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है| फिल्म रिलीज करने को लेकर कई बार लोग विवाद भी खड़ा कर देते है ऐसा ही कुछ गंगुबाई काठियावाड़ी फिल्म के साथ भी हुआ है तो चलिए देखते है किस प्रकार हुआ विवाद|

फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ और लोगों को काफी पसंद भी आया था| साथ ही लोग फिल्म के रिलीज होने का इंतजार भी कर रहे है| लेकिन इस बीच गंगुबाई काठियावाड़ी के परिवार वालों ने फिल्म को लेकर विवाद खड़ा कर दिया और निर्देशक संजय लीला भंसाली और फिल्म की कहानी के लेखक हुसैन जैदी के खिलाफ कोर्ट में केस भी दर्ज कराया है| गंगुबाई के परिवार वालों का कहना है की गंगूबाई एक समाजसेवी थी लेकिन उनकी छवि इस फिल्म में सही नहीं दिखाई गयी है| गंगुबाई की छवि एक वैश्या के रूप में दिखाई गयी है| गंगूबाई के परिवार वालों के वकील का नाम नरेन्द्र है|

गंगुबाई के बेटों को माताजी के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं थी की उनके बारे कोई पुस्तक लिखी गयी है या उनकी कोई बिओपिक फिल्म बन रही है| 2020 में उन्होंने फिल्म के प्रमोशन के लिए माताजी की फोटो देखी तो उन्हें इस बात का पता चला| तब गंगुबाई के बेटों ने भी फिल्म का विरोध किया और कहा की इस फिल्म में उनकी माताजी की छवि सही नहीं दिखाई गयी है|

gangubai kathiawadi real story हमें यह सिखाती है की जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर किसी भी परिस्तिथि में खत्म होने जैसा कुछ भी नहीं है| हमेशा इन्सान को आगे बढ़ते रहना चाहिए|

असल जिंदगी में कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी?

गंगूबाई काठियावाड़ी गुजरात के काठियावाड़ के एक प्रतिष्ठित परिवार में जन्मी एक लड़की गंगा थी| जीवन की परिस्तिथियों ने गंगा को अपराधी, माफिया डॉन, कोठेवाली बनने पर मजबूर कर दिया|

क्या गंगूबाई काठियावाड़ी सच्ची कहानी है?

हाँ | गंगूबाई काठियावाड़ी एक सच्ची कहानी है|

गंगूबाई फिल्म हिट है या फ्लॉप?

गंगुबाई काठियावाड़ी फिल्म ने रिजील होने के बाद एक सप्ताह में 100 करोड़ से ज्यादा रूपये कमा लिये है|

क्या है गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी?

गंगुबाई ने 16 साल की उम्र में रमणीक लाल से शादी कर ली और दोनों मुंबई चले गये बाद में पति ने गंगा को 500 रूपये में एक कोठे पर बेच दिया| उनके बाद गंगा के जीवन के हालातों ने गंगा को माफिया डॉन, समाजसेवी बनने पर मजबूर कर दिया|

गंगूबाई काठियावाड़ी मौत का कारण क्या है?

गंगुबाई की मौत एक साधारण तरीके से हुई थी|

उम्मीद करता हु की ‘gangubai kathiawadi real story’ लेख में आपको पूरी जानकारी मिल गयी होगी|

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धन्यवाद

WRITER – ABHISHEK SANEL

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